तेरी मीठी लागे छाछ गुजरियां तनक पिवाये दे री,तेरी मीठी लागे छाछ गुजरियां बहुत दिना को रसिया प्यासा तेरी छाछ काऐसा आनंद आवेगा गोपी महारास काइक चुलू में तेरा काहा बिगड़े लेके हस मुस्काये दे वीतेरी मीठी लागे छाछ गुजरियां जोरू हाथ परु तेरी पहियाँ क्यों तरसावे री,रचना पूरण होए देख मेरा मन हर्सावे री,तेरी लंम लहियाँ चाहे मोह पे …
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