मुझे कोई मिल गया था, बृज राह चलते-चलते,मुझे कोई ले गया था, उस शाम ढलते-ढलते ॥ मुस्कुरा कर कह रहा था, मैं हो गया तुम्हारा,जादू सा कर दिया था, मोहन ने हंसते-हंसते,मुझे कोई मिल गया था…. बांकी अदा जो देखी, हैरान हो गई थी,अनमोल रत्न मैं पाकर, धनवान हो गई थी,मुझे कोई मिल गया था…. मैं दीवानी हो गई थी, …
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