दरबार तेरा आया,तब मुझे समझ आया,कुछ भी नहीं दुनिया में,सब कुछ हैं यहाँ माया,मेरी तक़दीर संवर जाने दो,मुझे खाटू में ही बस जाने दो -2दरबार तेरा आया,तब मुझे समझ आया। सोचता हूँ कि बहाना कर दूँ,दोस्तों को मैं रवाना कर दूँ,तेरे दामन छिप के रह जाऊं,मैं किसी को भी नज़र ना आऊं,ज़िन्दगी भर तो यूँ ही भटका हूँ…-2अपनी शरण में …
Read More »