जटा में गंगा को जिस ने है बाँध लियासोने की लंका का रावन को दान दियाहाथो में तिरशूल है पकड़ा गल नागो की माला है,मेरे भोले का रूप निराला है, देवी देवते भुत चुडेला मोह माया एहदे हथ दियां खेला,पिंडे अपने भस्म रमाये ना गोरा न काला है,मेरे भोले का रूप निराला है, नील कंठ केलाश पति है शिव की …
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