मेरे मन में है राम, मेरे तन में है राम । मेरे नैनो की नगरिया में राम है ॥ मेरे रोम रोम के है राम ही रमिया, साँसों के स्वामी, मेरी नैया के खिवैया। कण कण में हैं राम, त्रिभुवन में हैं राम, नीले नभ की अटरिया में राम है॥ जनम जनम का जिन से है नाता, मन जिन के …
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