मेरे श्यामा की याद मुझे आने लगी,घर बैठे ही मुझको सताने लगी….. बन ठन के मैं घर से निकली,लाल हरी मैने चूड़ियाँ पहनी और मोतियन माँग भरी,मेरे श्यामा की याद……… रास्ते में मिल गए कृष्ण मुरारी,ललितादिक सखियाँ सभी प्यारी, सबसे मिल पाई मैने खुशी,मेरे श्यामा की याद……….. सिर पे मोर मुकुट, कानों में कुंडल,छवि है उनकी अदभुत सुंदर, मैं तो …
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