कहा ठौर थी हम गरीबो को जग में,अगर तुमने दिल में बसाया ना होता,मर ही गए होते हम तो कभी के,अगर तेरी रेहमत का साया ना होता,साथी मेरा श्याम हुआ है,राजी घनश्याम हुआ है।। लिए जो आँख में कोई बुलाता है,लिए संग मोर छड़ी दौड़ा चला आता,फांसी जो नाव कभी मांझी बन जाता है,अपने प्रेमी को सदा जीत दिलवाता है,मेरे …
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