मैं जीत नही मांगू,मुझे हार दे देना,क्या करूँ किनारे का,मजधार दे देना….-2 अक्सर देखा मैंने,जब तूफां आता है,तेरे सेवक का बाबा,मनवा घबराता है,रो रो कर कहता है,मुझे पार कर देना,क्या करूँ किनारे का,मजधार दे देना…… मजधार में हो बेटा,तू देख ना पाता है,लेके हाथों में हाथ,उसे पार लगाता है,तेरा काम है हारी हुई,बाजी को बदल देना,क्या करूँ किनारे का,मजधार दे …
Read More »