यशोदा मैया तेरा कन्हैया जरा भी बाज ना आएइसे क्या हो गया हैकिसी का माखन किसी की निंदिया किसी का चैन चुराएइसे क्या हो गया है माखन नहीं क्या इसकेकाहे सखा संग घर-घर डोलताछींके पे टंगी है मटकी फिर भी निगोड़ा नहीं छोड़ताआप खाए और सब को खिलाएंऐसे हमें सताए इसे क्या हो गया है बीच बजरिया मेरी पकड़े कलाई …
Read More »