ये जग तेरा ना मेरा है,आजा श्याम के दर पर,यहीं से पार बेड़ा है,ये है मेरे श्याम का दर,ये है मेरे श्याम का दर,दुनियाँ से जो मिला ना,वो मिलता है यहाँ पर,ये है मेरे श्याम का दर,ये है मेरे श्याम का दर। जो सर नहीं झुकता कहीं, झुकता जो यहाँ,ऐसा भला दातार, और पाओगे कहाँ….-iiहोकर निराश, कोई सवाली नहीं गया,जो …
Read More »