1868 ई. में भीषण अकाल पड़ा, तब मेवाड़ के महाराणा शम्भूसिंह ने उस ज़माने के लाखों रुपए खर्च करके बाहर से अनाज मंगवाया। इस अकाल में 11 लाख 63 हज़ार लोगों को उदयपुर में भोजन करवाया गया।अकाल के वक्त हैजा की बीमारी भी फैलने लगी, जिसके बाद कई लोग मरने लगे। उदयपुर में एकमात्र पिछोला झील में थोड़ा पानी शेष …
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