राधा रानी प्रगत भई बाजे शेहनाई बरसानेलली ब्रिश्भानु की देखो झूलन लगी पालनेराधा रानी प्रगत भई बाजे शेहनाई बरसाने मैया उसे दुलरावे भईया कीर्ति हर्शावे,ननी राधा बिटिया के दर्शन को सब आये,जितना निहारो उसे मोरा मनवा नही मानेराधा रानी प्रगत भई बाजे शेहनाई बरसाने आनंद भयो निधि वन में भाजे ढोलक घर घर मेंनाचे मोरी छम छम रे बरसे बुँदे …
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