मोर मुकट मोतियाँ की माला ऐसा प्यारा रूप निरालाकारी कारी अँखियाँ कारी होठो की लाली मत्वालीपीड बसन्ती पिताम्भर धारी,भा गया हमे भा गया किस प्रेमी ने इसे सजाया केसर चन्दन इतर लगायाबांकी बांकी चितवन प्यारीकर में मुरली जादू गारीकनुडा गोवेर्धन धारीभा गया हमे भा गया नैनो से बाते ये करता कभी मचल ता कभी मटक ताजब देखू हस्ता ही जाए …
Read More »