शबरी को आश्रम सौंपकर महर्षि मतंग जब देवलोक जाने लगे, तब शबरी भी साथ जाने की जिद करने लगी।शबरी की उम्र दस वर्ष थी। वो महर्षि मतंग का हाथ पकड़ रोने लगी।महर्षि शबरी को रोते देख व्याकुल हो उठे। शबरी को समझाया “पुत्री इस आश्रम में भगवान आएंगे, तुम यहीं प्रतीक्षा करो।”अबोध शबरी इतना अवश्य जानती थी कि गुरु का …
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हरि को नामु सदा सुखदाई
हरि को नामु सदा सुखदाई ॥जाको सिमरि अजामिल तरियो गनिका हू गति पाई ॥ पांचाली को राज सभा में राम नाम सुधि आई ॥ताको दुःख हरयो करुणामय, अपनी पैज बढाई ॥ जेहि नर जसु कृपानिधि गायो ता को भयो सहाई ॥कहु नानक मै यही भरोसो आन गयो शरनाई || wish4me in English hari ko naamu sada sukhadaee .jaako …
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