लोह तू लगा श्याम सेमुशकिल हो चाहे कितनी बड़ी भी कट जाए आराम सेलोह तू लगा श्याम से…… चिंतन करो तुम चिंता करेगा तेरी हर घड़ी संवारादिल तू लगा ले हर पल निभाये तेरी दिल लगी संवारा,जग से छुपाये विरते हो जो भी वो तुम कहो श्याम सेलोह तू लगा श्याम से….. क्यों मन वन्वारे तू धीरज गवाए फिर रहा …
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