शेख चिल्ली को खुली आंखों से सपने देखने की आदत थी। दिन हो या भरी दोपहर, कभी भी चलते-फिरते या बैठे-बिठाए वो सपने देखा करता था। ऐसा ही एक किस्सा बड़ा ही मशहूर है। शेख चिल्ली अपने घर में बैठा-बैठा एक दिन सपने में डूब गया। उसके सपने में देखा कि एक बहुत बड़ी और विशालकाय पतंग उड़ रही है, …
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