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Tag Archives: श्रद्धा

सेठ जी का लालच

HANUMAN JI

इस कहानी में एक गरीब ब्राह्मण की कहानी है जो अपनी कन्या का विवाह करने के लिए भगवान् राम के मंदिर में कथा कहने का निर्णय लेता है।............

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जानिए आखिर क्या है दुनिया की सबसे बड़ी सेवा

अबू उसमान हैरी नाम के एक प्रसिद्ध संत थे। वह अरब देश के खुरासान में वह रहते थे। दूर-दूर तक उनका नाम था। लोग बड़ी श्रद्धा से उनके पास आते थे और उनके सात्विक उपदेशों से लाभ उठाते थे। एक बार एक आदमी हज करने के विचार से घर से निकला। रास्ते में अबू उसमान हैरी की जगह पड़ती थी। …

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श्रद्धा से कीजिए श्राद्ध जरूर मिलता है श्राद्ध का फल

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संत एकनाथ मानवता, दया और करुणा के पक्षधर थे। एक समय की बात है उनके घर में श्राद्ध की तैयारियां चल रही थीं। विभिन्न तरह के व्यंजन बनाए जा रहे थे। घर पूरी तरह से स्वादिष्ट खाने की सुगंध से महक रहा था। तभी वहां एक निर्धन परिवार गुजरा। उस परिवार में माता-पिता और बच्चे थे। वे लोग कई दिनों …

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यदि ऐसा हो जाता तो महादेवी वर्मा को कोई नहीं जानता

mahadevi verma

महादेवी वर्मा हिन्दी की प्रसिद्ध कवयित्री थीं। आधुनिक हिन्दी की सबसे सशक्त कवयित्रियों में से एक होने के कारण उन्हें आधुनिक मीरा के नाम से भी जाना जाता है। बात उन दिनों की है जब महादेवी छात्रा थीं। अचनाक उनके मन में भिक्षुणी बनने का विचार आया। उन्होंने लंका के बौद्ध विहार में महास्थविर को पत्र लिखा…‘मैं बौद्धभिक्षुणी बनना चाहती …

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रुतवा तेरी शक्ति का सारे संसार में

Bale Bale MAin Maiya Da Fakir Ho Gya Bhajan

रूतवा तेरी शक्ति का, सारे संसार में, सारे संसार में, आज भी है और कल भी रहेगा । चर्चा यही माँ, तेरा एक में हजार में, एक में हजार में आज भी है और कल भी रहेगा ॥ रुतवा तेरी शक्ति का… जो सच्ची श्रद्धा से शरण में तेरी आता है, होकर निहाल मैया गीत खुशियों के गाता है । …

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जो भी माँ की भक्ति का दीवाना होता है

This is the harsh reality of life

जो भी माँ की भक्ति दीवाना होता है वो हमेशा हर ग़म से बेगाना होता है सुबह-शाम श्रद्धा से जो ले माँ का नाम पल में ही बनते उसके बिगड़े हुए काम जो न पूजे माँ को वो अनजाना होता है वो हमेशा हर ग़म से बेगाना होता है। जो भी माँ की भक्ति का दीवाना होता है वो हमेशा …

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गुरु का महत्त्व क्यों ?

Gurudev

भारतीय संस्कृति में ‘आचार्य देवो भव’ कहकर गुरु को असीम श्रद्धा का पात्र माना गया है । गुरु शब्द में ‘गु’ का अर्थ अंधकार तथा ‘रु’ का दूर करने से लगाया जाता है । अर्थात जो अंधकार को दूर कर सके, वहीं गुरु है । वैसे, हमारे शास्त्रों में गुरु के अनेक अर्थ बताएं गए हैं । गुरु का महत्त्व …

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