ये वो हनुमान थे जिसने कलयुग में सनातन धर्म की जड़ो को फिर से सींचने का काम किया।स्व. श्री हनुमान प्रसाद पौद्दार जी जिन्होंने गीता_प्रेस.....
Read More »Tag Archives: श्रीमद्भगवद्गीता
श्रीमद्भागवद्गीता : माहात्म्य 06 अध्याय
श्रीभगवान् कहते हैं– सुमुखि ! अब मैं छठे अध्याय का माहात्म्य बतलाता हूँ, जिसे सुननेवाले मनुष्यों के लिये मुक्ति करतलगत हो जाती है। गोदावरी नदीके तटपर प्रतिष्ठानपुर (पैठण) नामक एक विशाल नगर है, जहाँ मैं पिप्पलेश के नाम से विख्यात होकर रहता हूँ। उस नगर में जानश्रुति नामक एक राजा रहते थे, जो भूमण्डल की प्रजा को अत्यन्त प्रिय थे। …
Read More »चर्ण पखारे बिना जाने नहीं दूँगी
चर्ण पखारे बिना जाने नहीं दूँगी विनती करू गी पहिया पडू गी विरहा की आग में अब न जलुगी हाथ जोड़ कर बस यही कहुगी चर्ण पखारे बिना जाने नहीं दूँगी
Read More »