संवारे का भगतो ने ऐसा किया श्रृंगार है,खूब सजी है खाटू नगरी जिधर भी देखो रंग बिरंगी.फूलो की भोहार है,संवारे का भगतो ने ऐसा किया श्रृंगार है, मोगरा वेला जूही चमेली सब है गुंधे हार में,बात कमी न रह जाए कुछ ठाकुर के शिंगार में,श्याम छवि को जो भी देखे उसका ही मन डोले,नर नारी सब झूम के बोले छवि …
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