साँझ सेवरे अधरो पे मेरे बस तुम्हारो है नाम संवरिया बस तुम्हरो है नाम…… मैं तुम्हरी दासी तुम मेरे स्वामी मैं राधा तुम श्याम सांवरियाबस तुम्हरो है नाम सांवरिया…. जागी भी तो सोय रही मैं ध्यान में उसके खोय रही मेंहाय मे क्या जानू क्या जानू कब दिन बीताबीत गयी कब शाम संवरियाबस तुम्हरो है नाम संवारिया…… गोकुल मथुरा …
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