खाटू जाकर देख ले झुकती दर पे दुनिया सारी,बिगड़ी हुई वाहा बनती मिट ती है हर लाचारी, अपने भगत की तू ही सुने फरयाद ,ऐ श्याम तेरी माला जपु दिन रात,,,,,,,,,,, दुनिया ने लीले वाले कितने ही गम दिएदुनिया की ठोकरों में अब तलक था पड़ाकोई नही था जिसको दुखड़े सुना सकूनिष्ठुर बना था कान्हा बिलकुल ही ये जहांतुम ने …
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