सुख के सब साधी, दुःख में न कोई ,मेरे राम, मेरे राम ॥तेरा नाम इक सांचा, दूजा न कोई , जीवन आनी-जानी छाया ॥झूठी माया झूठी काया ,फिर काहे को सारी उमरिया ॥पाप की गठरी ढोए , ना कुछ तेरा जा कुछ मेरा ॥ये जय-जोगी-वाला फेरा ,राजा हो या रंक सभी का ॥अंत एक सा होए , बाहर की तू …
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