सुदामा कर रहे मन में सोच,महल यहाँ कहाँ से आयौ रे॥कहाँ से आयौ रे,महल यहाँ कहाँ से आयौ रे॥कही मार्ग मैं गयौ रे भूल,लौट फिर द्वारिका आयौ रे॥ गाँव छोड़ क्यों द्वारिका आयौ,मैं बामन कहु धोखे मैं आयौ,कोरी खातिर करी कृष्ण ने,फिर लौटायौ रे॥सुदामा कर रहे मन में सोच,महल यहाँ कहाँ से आयौ रे……. इतै रही मेरी टूटी झुपड़िया,यहीं पै …
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