तेरे एक दर्श को तरसु मेरे लखदातार,नैना बरस रहे हैं मेरे इस दिल की सुनलो पुकार,खाके इस जहाँ की ठोकरें मैं भटकी हर एक द्वार,कब सुनोगे इस दिल की बातें मेरे सांवरिया सरकार……… तेरा कब तक करूँ सांवरे इंतज़ार,है ये दर्श को दिल बेकरार,सुनलो विनती मेरी सरकार,सुनलो विनती मेरी सरकार…….सांवरे,सुनलो विनती मेरी सरकार………. मन का ये मंदिर सूना पड़ा है,कौन …
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