एक बार कवि कालिदास बाजार में घूमने निकले। वहां उन्होंने एक स्त्री को एक घड़ा और कुछ कटोरियां लिए ग्रहकों के इंतजार में बैठे देखा। कालिदास यह देखकर परेशानी में पड़ गए। वह उस स्त्री के पास गए। उन्होंने वहां जाकर पूछा कि बहिन तुम क्या बेचती हो। उस स्त्री ने कहा मैं पाप बेचती हूं। मैं स्वयं लोगों से …
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