जीवन बिताया सारा, इंतज़ार करते करते रह रहके मेरे दिल्मे, उट थी है ये तरंगे हे दिल मे मेरे केवल..तेरे मिलने की उमंगे कभी आभी जाऊ प्रीतम, मूही राह चलते चलते डेको मे ना समाज हू, पकड़ा है तेरा धमान कहा . छोड़कर आब, मेरे रंगिल्ले साजन ना साथ छोड़ ढेंा, मेरे साथ चलते चलते मुझे हार्गदी और हरफल, घ्हन्ष्यम …
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