श्याम सुरंगो सावण आयो,रिमझिम पड़े फुंहार,सतरंगी झूला पे सजावां,खूब करां मनुहार, हरियालो महीनों,नाँचे यो मन मोर,मिलने ख़ातिर देखो,साँवरियो खींचे डोर,मिलने ख़ातिर देखो,साँवरियो खींचे डोर,हरियालो महीनों। हरियाली छाई बाबा,हिवड़ो लूभावै,परचम तेरो बाबा,आकाशां लहरावै,झरमर झरमर बरसे,पुरवाई झकझोर,मिलने ख़ातिर देखो,साँवरियो खींचे डोर,हरियालो महीनों…. सुध बुध मेरी,मेरो बाबो ही राखे,घर में ख़ुशी की जाणे,बाँसुरिया बाजे,चेतो डगमग डोले,दिखे यो चितचोर,मिलने ख़ातिर देखो,साँवरियो खींचे डोर,हरियालो महीनों… …
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