कान्हा चाहू तुझे बस युही तकदा,हर वेले दिल कहे करू तेरा सजदा, होठो पे तेरे मोहन बंसी निराली हैसवाली सूरत प्यारी बड़ी मत वाली हैकाली काली तेरी कान्हा लट घुंगराली हैहर वेले दिल कहे करू तेरा सजदा, कितना छुडाये पर छुट नही पाता हैप्रमियो पे ऐसा प्रेम रंग तू लगाता है जिस का तू मीत हैहर उसकी जीत हैमैं दीवाना …
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