डूब रही मझधार है, मेरी आके धीर बंधाओ,ओ खोली के सरदार साँवरे, तुम लीले चढ़ आ जाओ, हारे हुऐ है,सम्भालो कन्हिया ये जीवन नैया,जीवन ये मेरा तेरे हवाले ओ साँवरिया,हारे हुए है……. चारो तरफ से, हार के बाबा , दर तेरे आये,सुनाऊ मै किसको, गम-ए-जिन्दगी का,आखिर ये तराना,जीवन में मेरे कर दो उजाला,ओ साँवरिया हारे हुए हैं….. हारे का साथी, …
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