तेनालीराम हमेशा अपनी बुद्धिमता से सबका मन जीतने के लिए जाने जाते थे। आए दिन राज्य पर आई किसी न किसी समस्या को सुलझाने के लिए वे अपना दिमाग लगाया करते थे। इसी तरह जब एक बार दशहरा पर नाटक मंडली विजयनगर नहीं पहुंच पाई, तो तेनाली ने क्या किया, आइए जानते हैं। काशी की एक नाटक मंडली हमेशा दशहरे …
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तेनालीराम की कहानी: दूध न पीने वाली बिल्ली!!
दक्षिण भारत के विजयनगर में राजा कृष्णदेव राय का राज था। एक बार विजयनगर में चूहों ने बहुत तबाही मचाई, जिससे पूरी प्रजा परेशान थी, क्योंकि चूहे आए दिन किसी के कपड़े कुतर जाते, तो किसी की फसल और अनाज को नुकसान पहुंचाते। इससे परेशान होकर एक दिन पूरी प्रजा राजा कृष्णदेव राय के दरबार में पहुंची और उनकी समस्या …
Read More »कवि और राजा के महल की कहानी !!
एक समय की बात है, पाल्पा देश में एक कवि रहता था। वो अपने देश के राजा से मिलकर उनको कविता सुनना चाहता था, ताकि राजा उसकी कविता से खुश हो जाएं और उसे कोई इनाम दें। इसके लिए वह कवि हर दिन महल जाता, लेकिन सैनिक उसे महल के अंदर जाने से रोक देते। सैनिक कहते थे जब राजा …
Read More »कुम्हार की कहानी!!
युधिष्ठिर नाम का कुम्हार एक बार टूटे हुए घड़े के नुकीले ठीकरे से टकरा कर गिर गया । गिरते ही वह ठीकरा उसके माथे में घुस गया । खून बहने लगा । घाव गहरा था, दवा-दारु से भी ठीक न हुआ । घाव बढ़ता ही गया । कई महीने ठीक होने में लग गये । ठीक होने पर भी उसका …
Read More »पंचतंत्र की कहानी: महामूर्ख नाई!!
एक नगर में बहुत ही दयालु पति-पत्नी रहते थे। वे आर्थिक रूप से संपन्न थे और पूजा-पाठ, दान-धर्म में बढ़-चढ़ कर हिसा लेते थे। उनके नेक व्यवहार की कीर्ति दूर-दूर तक थी और अक्सर उनके घर में मेहमानों का ताता लगा रहता था। समय कभी एक सा नहीं रहता है। एक बार उनके ऊपर घोर विपत्ति आ जाती है और …
Read More »कान्हा छेड़े न माटी फोड़ न
कान्हा छेड़े न माटी फोड़ न हॉवे गुद गुदी मैं गिर जाउगी, थोड़ी देर मैं कैसे घर जाऊगी......
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