कहे कबीरा कहे कबीरा पोथी पढ़ी पढ़ी जग मुआ पंडित भया न कोय पंडित भया न कोय ॥ कहे कबीरा कहे कबीरा कहे कबीरा कहे कबीरा पोथी पढ़ी पढ़ी जग मुआ पंडित भया न कोय ढाई आखर प्रेम का पढ़े सो पंडित होय पढ़े सो पंडित होय ॥ कहे कबीरा कहे कबीरा कहे कबीरा कहे कबीरा कहे कबीरा कहे …
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जो चाहोगे सो पाओगे !
एक साधु था , वह रोज घाट के किनारे बैठ कर चिल्लाया करता था ,”जो चाहोगे सो पाओगे”, जो चाहोगे सो पाओगे।” बहुत से लोग वहाँ से गुजरते थे पर कोई भी उसकी बात पर ध्यान नहीँ देता था और सब उसे एक पागल आदमी समझते थे। एक दिन एक युवक वहाँ से गुजरा और उसनेँ उस साधु की आवाज सुनी , “जो चाहोगे सो …
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