आ भी जा आ भी जा आ भी जा सुन ले वितनी अब तो कान्हातेरे दर्श को तरसे नैनाआके प्यास बुजा,आ भी जा आ भी जा इज्जत का कोई मोल नही बस पैसे की सुन वाई हैजोगियों का वेश बना के सब ने लुट मचाई हैदुनिया तेरी दुनिया कान्हा पाप की नैया खेती हैकिसी को हस्ता देख न पाए खारे …
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