अब कहां जाओगे मैंने राखे श्याम पकड़ केअभी मैंने बाँध लिया कस कस केअब कहां जाओगे मैंने राखे श्याम पकड़ के जल भरने जब गई गुजरियांसाकर कुंडा झड़ केबाहर से सब ग्वाल सखा संग आयो मोहन घर पेखिड़की खोल मटकिया फोड़ी खाओ फिर भर भर केअब कहां जाओगे मैंने राखे श्याम पकड़ के इतने में फिर आई गुजरियां मटके में …
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