अब कृपा करो श्री राम नाथ दुख टारो। इस भव बंधन के भय से हमें उबारौ। तुम कृपा सिंधु रघुनाथ नाथ हो मेरे । मैं अधम पड़ा हूँ चरण कमल पर तेरे। हे नाथ। तनिक तो हमरी ओर निहारो। अब कृपा करो … मैं पंगु दीन हौं हीन छीन हौं दाता । अब तुम्हें छोड़ कित जाउं तुम्हीं पितु माता …
Read More »