अब तो बाबा सुन लो,हम भक्तों की दरकार, अब के जनमदिन से पहले,तुम खोल देना दरबार।। हारे है बाबा हम तो,बिना तेरे सांवरे, जीवन की डोर बांधी,तेरे ही संग सांवरे, कार्तिक की ग्यारस पर,हमें दे दो ये उपहार, अब के जनमदिन से पहले,तुम खोल देना दरबार।। मिलने की चाहत दिल का,चैन चुराए, रातों की नींद मेरी,उड़ी उड़ी जाए, …
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