एक दिन स्वामी परमहंसदेव अपने शिष्यों के साथ टहल रहे थे। उन्होंने देखा कि एक जगह मछुआरे जाल फेंककर मछलियां पकड़ रहे हैं। स्वामी जी एक मछुआरे के पास खड़े हो गए और शिष्यों से बोले, ध्यानपूर्वक इस जाल में फंसी मछलियों की गतिविधियों को देखो। शिष्यों ने देखा कि कुछ मछलियां ऐसी हैं, जो जाल में निश्चल पड़ी हैं। …
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