अधिक मास माहात्म्य, तृतीय अध्याय, मल मास का बैकुठ में जाना सूतजी के श्री मुख से पवन कथा सुनते हुए ऋषि बोले:- हे महाभाग! नर के मित्र नारायण नारद के प्रति जो शुभ वचन बोले, वह आप विस्तार पूर्वक हमसे कहें । हे नारद! पहले महात्मा श्रीकृष्णचन्द्र ने राजा युधिष्ठिर से जो कहा था वह मैं कहता हूँ सुनो । …
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