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Bhula do apradh saware

कुछ समझ ना आये, खाटू वाले,ये खेल क्या रचाया तुमने,उन अखियों में कैसे देखु आँसू,के जिन्हे था हँसाया तुमने,मेरे अपराध भुला दो श्याम,बोलो श्याम, बोलो श्याम।क्षमा कर दो ग़ुनाहों को हमारे,भुला दो अपराध साँवरे।उन अखियों में कैसे देखु आँसू,के जिन्हे था हँसाया तुमने। नहीं और किसी का सहारा,सहारा बनों श्याम फिर से,उन अखियों में कैसे देखु आँसू,के जिन्हे था हँसाया …

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