यह भोल बड़े अनमोल, ओ रास्ना राधे ..2 भोल राधाजी बरसाने वारी, राधाजी वृषभन दुलारी दो अक्षर आधार जगत के, ये अक्षर अनमोल ओ रास्ना राधे ..2 भोल राधाजी महारस रचावे, राधाजी नंदलाल रिज़वे इस छवि को भुरकर नैनें मैं.. अंतर के पट्ट खोल, ओ रास्ना राधे ..2 भोल बिन राधा नही सजे मुरारी, बिन राधा नही मिले बाँवरी इनके …
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मनुष्य की कीमत
लोहे की दुकान में अपने पिता के साथ काम कर रहे एक बालक ने अचानक ही अपने पिता से पुछा – “पिताजी इस दुनिया में मनुष्य की क्या कीमत होती है ?” पिताजी एक छोटे से बच्चे से ऐसा गंभीर सवाल सुन कर हैरान रह गये. फिर वे बोले “बेटे एक मनुष्य की कीमत आंकना बहुत मुश्किल है, वो तो अनमोल है.” …
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