इटा ना तो करना स्वामी, जब प्राण ताना से निकले गोविंद नाम लेकर, तब प्राण ताना से निकले ||1|| श्री गंगा जी का तट हो, यमुना का वंशीी वात हो मेरा सांवरा निकट हो, जब प्राण ताना से निकले पीताम्बरी कसी हो, चाबी मान में भी बेसिन हो होतून पे कुछ हा.नस हो, जब प्राण ताना से निकले ||2|| उस …
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खुद तो बाहर ही खड़े रहे
खुद तो बाहर ही खड़े रहे, भीतर भेजा पांचाली को; यतिवर बाबा के चरणों में, जाकर अपना मस्तक रख दो । अर्धरात्रि की बेला में, भीषम की लगी समाधी थी; मन प्रभु चरणों में लगा हुआ, उस जगह न कोई व्याधा थी । कृष्णा ने जाकर सिर रक्खा, चरणों पर भीष्म पितामह के; चरणों पर कौन झुका, देखूँ, बाबा भीषम …
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खुद तो बाहर ही खड़े रहे, भीतर भेजा पांचाली को; यतिवर बाबा के चरणों में, जाकर अपना मस्तक रख दो । अर्धरात्रि की बेला में, भीषम की लगी समाधी थी; मन प्रभु चरणों में लगा हुआ, उस जगह न कोई व्याधा थी । कृष्णा ने जाकर सिर रक्खा, चरणों पर भीष्म पितामह के; चरणों पर कौन झुका, देखूँ, बाबा भीषम …
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