बहुत ठण्ड पड़ रही थी । एक किसान रविवार के दिन मीलों चलकर पहाड़ी पर स्थित एक चर्च पर पहुंचा। चर्च का दरवाज़ा बंद था। किसान ऊँची आवाज़ में बोला , ” अरे कोई है ?” पादरी बाहर आया , वह किसान को देखकर कुछ हैरान था, ” आज ठण्ड बहुत है , मुझे तो उम्मीद ही नहीं थी कि आज …
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सांवरो कन्हैया मोरे मन में बसो रे
सांवरो कन्हैया मोरे मन में बसो रे मुरली बजाने वारो मन में बसो रे मन में बसो रे कान्हा तन में बसो रे कारो कन्हैया मेरो मन में बसो रे अरे तिरछी नजरिया वारो मन में बसो रे माखन चुराने वारो मन में बसो रे जमुना किनारे वो तो मुरली बजाये गोपियन संग वो तो रास रचाए मीठी मीठी तान …
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