संवारे पट वा दे पट वा दे अब तो मेरा कामदिखाए नखरे क्यों इतने सुबहो शामअगर कहो तो उपर से भी जोर लगा देंगे,बरसाने वाली से इक फ़ोन करा देंगे, ऐसे वैसे न हम दीवाने हैथोड़े मोड़े तो हम सयाने हैहै पोहंच अपनी तो उपर तक ये जान कर भी तू क्यों न माने है,करले भरोसा वरना साबित कर के …
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