खाटू भी जायेंगें, दर्शन भी पायेँगेबाबा के भजनों मे, फिर से रम जायेंगेआने वाली ग्यारस की, फिर से वो रात है।बस कुछ दिनों की बात है,हाँ कुछ दिनों की बात है। सूने पड़े चोराहों पर, फिर से रौनक आएगी,फिर गूंजेंगे जयकारे, फिर से हवाएँ गायेंगी,ज्योति भी जगेगी, महफ़िल भी सजेगी,बैठेंगे दीवाने, ताली भी बजेगीहोने वाली बाबा से, फिर से मुलाकात …
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