Breaking News

Tag Archives: bhagavaan

भगवान विष्णु का स्वप्न

maanas se : navadha bhakti

एक बार भगवान नारायण अपने वैकुंठलोक में सोये हुए थे। स्वप्न में वे क्या देखते हैं कि करोड़ों चंद्रमाओं की कांतिवाले, त्रिशूल-डमरूधारी, स्वर्णाभरण-भूषित, सुरेंद्र वंदित, अणिमादि सिद्धिसेवित त्रिलोचन भगवान शिव प्रेम और आनंदातिरेक से उन्मत्त होकर उनके सामने नृत्य कर रहे हैं। उन्हें देखकर भगवान विष्णु हर्ष-गद्गद हो सहसा शय्या पर उठकर बैठा गए और कुछ देर तक ध्यानस्थ बैठे …

Read More »

नवरात्र व्रत की कथा

Navratri Puja

प्राचीन काल में एक सुरथ नाम का राजा हुआ करता था । उसके राज्य पर एक बार शत्रुओं ने चढ़ाई कर दी । मंत्री गण भी राजा के साथ विश्वासघात करके शत्रु पक्ष के साथ जा मिले । मंत्जिसका परिणाम यह हुआ कि राजा परास्त हो गया, और वे दु:खी और निराश होकर तपस्वी वेष धारण करके वन में ही …

Read More »

मुक्ति के लिये साधन की आवश्यकता

Mukati Ke Liye Sadhna Ki

भगवान सर्वज्ञ हैं, सब कुछ जानते हैं, परंतु किसकी मुक्ति होगी इसको भगवान भी पहले से नहीं जानते हैं, यदि पहले से ही जान जाएं तो प्रयत्न की क्या आवश्यकता है ? भगवान तो जानते हैं फिर प्रयत्न क्या हो ? यह बात नहीं कि भगवान जान नहीं सकते, जीवों को अवसर दिया है, यदि भगवान निश्चित कर दें कि …

Read More »

सौरधर्म का वर्णन

Sor Dharam Ka Varnan

राजा शतानीक ने पूछा – मुने ! भगवान सूर्य का माहात्म्य कीर्तिवर्धक और सभी पापों का नाशक है । मैंने भगवान सूर्यनारायण के समान लोक में किसी अन्य देवता को नहीं देखा । जो बरण – पोषम और संहार भी करनेवाले हैं वे भगवान सूर्य किस प्रकार प्रसन्न होते हैं, उस धर्म को आप अच्छी तरह जानते हैं । मैंने …

Read More »

अपना जीवन सेवा के लिए है

दूसरे की आत्मा को सुख पहुंचाने के समान कोई धर्म नहीं है – पर हित सरिस धर्म नहिं भाई । पर पीड़ा सम नहिं अधमाई ।। भगवान अन्न और वस्त्र सबके लिये आवश्यकता के अनुसार भेजते हैं । इसलिए जिसके पास जो चीज अधिक हो वह जिसके पास उसका अभाव हो उसे दे दे । परहित बस जिन्ह के मन …

Read More »

परमात्मा की शरण में है स्वर्ग

khud to baahar hee khade rahe

परमात्मा में मन लगाना मन को वश में करने का प्रधान उपाय है। अभ्यास और वैराग्य से मन वश में हो सकता है। वैराग्य का तात्पर्य है सारे संसार के तृष्णा का अभाव। संसार के भोगों में जो आसक्ति है। स्त्री, धन, पुत्र, मान बड़ाई में जो तुम्हारी आसक्ति है, उसे हटाकर प्रभु में प्रीति करो, भगवान् की दया, गुण, …

Read More »

कैसे करें अक्षय तृतीया पर पूजा ताकि मिले पूरा फल

tritya2

अक्षय तृतीया को आखातीज के नाम से भी जाना जाता है। आखातीज का व्रत वैशाख माह में सुदी तीज को किया जाता है। इस दिन श्री लक्ष्मी जी सहित भगवान नारायण की पूजा की जाती है। पहले भगवान नारायण और लक्ष्मी जी की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराना चाहिए। उन्हें पुष्प और पुष्प-माल्यार्पण करना चाहिए। भगवान की धूप, दीप …

Read More »

तुलसीदल का महात्म्य

Learn about Tulsidas

भगवान शिव ने स्वयं कहा है – ‘‘सब प्रकार के पत्तों और पुष्पों की अपेक्षा तुलसी ही श्रेष्ठ मानी गई है। वह परम मंगलमयी, समस्त कामनाओं को पूर्ण करनेवाली, शुद्ध, श्रीविष्णु को अत्यंत प्रिय तथा ‘वैष्णवी’ नाम धारण करनेवाली है। वह संपूर्ण लोक में श्रेष्ठ, शुभ तथा भोग और मोक्ष प्रदान करनेवाली है। भगवान श्रीविष्णु ने पूर्वकाल में संपूर्ण लोकों …

Read More »

उपदेशप्रद कहानी: शुभचिंतन का प्रभाव

shubhchinan-ka-prabhav1

सेठ गंगासरन जी काशी में रहते थे। वे भगवान शंकरजी के सच्चे भक्त थे। सोमवती अमावस्या का प्रात:काल था। मणिकर्णिका घाट पर अनेक नर-नारी, साधु-सन्यासी स्नान कर रहे थे। भक्त गंगासरन जी भी स्नान कर रहे थे। तब तक अलवर के मंदिर पर से कोई गंगा में कूटा और डुबकियां खाने लगा। किसी की हिम्मत न पड़ी, जो उस डूबने …

Read More »

श्री हनुमान क्यों हुए सिंदूरी

bhakti ka adbhut prakashta story

कहा जाता है जब रावण को मारकर राम जी सीता जी को लेकर अयोध्या आए थे। तब हनुमान जी ने भी भगवान राम और माता सीता के साथ आने की जिद की। राम जी ने उन्हें बहुत रोका। लेकिन हनुमान जी थे कि अपने जीवन को श्री राम की सेवा करके ही बिताना चाहते थे। श्री हनुमान दिन-रात यही प्रयास …

Read More »