भजना से रीझे सांवरियो,सांवरिया रीझा हो सुमति,मैं लाख टका की बात कहूँ हो होसुन फरक ना मानो एक रति।।भजना से रीझे सांवरियोसांवरिया रीझा हो सुमति।। नरसी जी लेकर एक तारोठाकुर के आगे भजना करेपर सेठ सांवरो रुक्मणि बाई संगनानी बाई का भात भरेजद सवा पहर लक्ष्मी बरसीकंचन सा चमक उठी धरती।।भजना से रीझे सांवरियोसांवरिया रीझा हो सुमति….. सबरी नित जोड़े …
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