भोर भये पनघट पे,मोहे नटखट श्याम सताए,भोर भये पनघट पे,मोहे नटखट श्याम सताए,मोरी चुनरिया लिपटी जाए,मैं का करूँ हाय राम, हाय, हाय हाय,भोर भये पनघट पे…………. कोई सखी सहेली नाहीं,संग मैं अकेली,कोई देखे तो ये जाने,पनियाँ भरने के बहाने,गगरी उठाये, राधा श्याम से,हाय हाय श्याम से, मिलने जाये हाय,भोर भये पनघट पे,मोहे नटखट श्याम सताए,मोरी चुनरिया लिपटी जाए,मैं का करूँ …
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