कुंजा बिहारी तेरी आरती गाउहे गिरिधारी तेरी आरती गाउ मोर मुकुट प्रभु शेष पे सोहेप्यारी बंसी मेरो मान मोहेदेख छवि बलि हारी मे जौन चरनो से निकली गंगा प्यारीजिसने सारी दुनिया तरीमई उन चर्नो के दर्शन पऔन दस अनाथ के नाथ आप होदुख सुख जीवन प्यारे साथ आप होहरी चर्नो मई शीश जुकाऊ श्री हरिदास के प्यारे तुम होमेरे मोहन …
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