ब्रज के नन्द लाल, राधा के साँवरिया।सब दुःख दूर हुऐ, जब तेरा नाम लिया ।।मीरा पुकारे जब, गिरधर गोपाला।बन गया अमृत में, विष का भरा प्याला।कौन उसे मारे, जिसे तूने राख लिया।सब दुःख दूर हुऐ…….. जब तेरे गोकुल मे, आया दुःख भारी।एक इशारे पे, सारी विपदा टारी।मुड़ गया गोवर्धन ,जिसे तूने ओड़ लिया।सब दुःख दूर हुऐ……… नैनो मे श्याम बसे, …
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