चल रे कान्हा मधुवन मेंचल चल रे कान्हा मधुवन मेंतेरी बंसी मेरी पायल दोनों साथ भजाए गेजम के रास रचाए गे, हम क्यों जाए मधुवन में यमुना जी के पनघट पेग्वाल बाल के संग में मिल करअपनी गाये चराए गेचल रे कान्हा मधुवन में है सावन की रीत मस्तानी झूम के आई वरखा रानी,ऐसे मोहे बंसी सुना दे मत कर …
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