सज धज कर बैठयो सावरीयो यो बैठयो- बैठयो मुस्कावे चलो नज़र उतरा बाबा की, चलो नज़र उतरा बाबा की, कही आज नज़र ना लग जावे, सज धज कर बैठयो सावरीयो यो बैठयो- बैठयो मुस्कावे चलो नज़र उतरा बाबा की, चलो नज़र उतरा बाबा की, कही आज नज़र ना लग जावे, मन भावन प्यारी झाँकी है, या चितवन बांकी- बांकी है, …
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